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‘मैं वे फिल्में बनाना चाहता हूं, जो मेरे हिसाब से बननी चाहिए’



नई दिल्ली। साल 1992 में ‘दीवाना’ फिल्म से बॉलीवुड में पदार्पण करने के एक दशक बाद अपनी निर्माण कंपनी रेड चिलीज एंटरटेनमेंट के साथ निर्माण क्षेत्र में प्रवेश करने वाले शाहरुख खान का कहना है कि वह अपने मन से निर्माता बने हैं और वे अच्छी फिल्में बनाना चाहते हैं। ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’, ‘कुछ कुछ होता है’, ‘कभी खुशी कभी गम’ और ‘डियर जिंदगी’ जैसी फिल्मों में काम कर चुके शाहरुख शनिवार को इकोनॉमिक टाइम्स के वैश्विक व्यापार सम्मेलन में ‘बॉलीवुड के डिजिटल विस्तार : इसके हितधारकों के लिए इसके मायने’ पर अपने विचार रखने आए थे।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपनी इच्छा से फिल्म निर्माता बना हूं, क्योंकि मैं वे फिल्में बनाना चाहता हूं, जो मेरे हिसाब से बननी चाहिए।’’ बदलाव के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘चीजें बदल गई हैं, मुझे लगता है तकनीक बदल गई है। अब बहुत ज्यादा व्यवसायीकरण हो गया है.. मुझे लगता है हम पहले से ज्यादा अनुशासित हो गए हैं। अब हम सभी काम समय पर करते हैं।’’

प्रोद्यौगिकीकरण के जमाने में बॉलीवुड को अगला शाहरुख मिलने के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि भविष्य में मुझसे भी बड़े स्टार होंगे.. शायद सिनेमा से नहीं लेकिन सिनेमा के डिजिटल भाग में। मुझे विश्वास है कि डिजिटल सिनेमा में बड़े स्टार आएंगे जितना मैं सर्वाधिक ऊंचाई पर रहा हूं।’’

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एक सफल फिल्म के लिए जरूरी चीजों पर उन्होंने कहा, ‘‘हमारे देश में बहुत कम थिएटर हैं... इसीलिए चीन में फिल्में अच्छा व्यवसाय करती हैं। वहां 50,000 से 60,000 हजार थिएटर हैं जबकि भारत में यह संख्या मात्र 10,000 से 20,000 के बीच है।’’ ‘बादशाह’ ने कहा, ‘‘नेटफ्लिक्स और अन्य डिजिटल मंचों की लहर आने से छोटे बजट में बनी फिल्मों को रिलीज होने के लिए एक मंच मिल गया है।’’

Reference Link- https://goo.gl/iY24St

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